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श्रुति रामकथा, मुख रामको नामु, हिएँ पुनि रामहिको थलु है ॥

व्याख्या – भजन अथवा सेवा का परम फल है हरिभक्ति की प्राप्ति। यदि भक्त को पुनः जन्म लेना पड़ा तो अवध आदि तीर्थों में जन्म लेकर प्रभु का परम भक्त बन जाता है।

भावार्थ – जो इस (हनुमान चालीसा) का सौ बार पाठ करता है, वह सारे बन्धनों और कष्टों से छुटकारा पा जाता है और उसे महान् सुख (परमपद–लाभ) की प्राप्ति होती है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन–कुमार ।

তুলসীদাস সদাসর্বদাই শ্রী হরির সেবক,দাসানুদাস।হে প্রভু আপনি তার হৃদয়টিকে আপনার বাসস্থানে পরিণত করুন অর্থাৎ তার হৃদয়ে নিত্য বাস করুন।

The Hanuman Chalisa also serves for a conduit in one’s spiritual journey, guiding yogis towards recognizing their inherent divinity, and suffering from a deeper reference to the divine.

Vibhishana accepted your preachings and have become the king of Lanka, as is thought to The complete globe. You leaped to the Sunshine, Many miles away, pondering it to be a sweet purple fruit.

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान को समर्पित एक आदर्श भक्ति गीत है, जिनमें उनकी भक्ति, शक्ति, और निष्ठा की महिमा गाई गई है।

सत्संग के द्वारा ही ज्ञान, विवेक एवं शान्ति की प्राप्ति होती है। यहाँ श्री हनुमान जी सत्संग के प्रतीक हैं। अतः श्री हनुमान जी की आराधना से सब कुछ प्राप्त हो सकता है।

व्याख्या – श्री हनुमान जी अष्ट–सिद्धियों से सम्पन्न हैं। उनमें सूक्ष्मातिसूक्ष्म एवं अति विस्तीर्ण दोनों रूपों को website धारण करने की विशेष क्षमता विद्यमान है। वे शिव (ब्रह्म) का अंश होने के कारण तथा अत्यन्त सूक्ष्म रूप धारण करने से अविज्ञेय भी हैं ‘सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयम्‘ साथ ही काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, अहंकार, दम्भ आदि भयावह एवं विकराल दुर्गुणों से युक्त लंका को विशेष पराक्रम एवं विकट रूप से ही भस्मसात् किया जाना सम्भव था। अतः श्री हनुमान जी ने दूसरी परिस्थिति में विराट् रूप धारण किया।

శ్రీ గురు చరణ సరోజ రజ నిజమన ముకుర సుధారి ।

BalaBalaStrength / electric power buddhiBuddhiIntelligence / knowledge bidyaBidyaKnowledge dehuDehuGive / provide harahuHarahuClear / take away kalesaKalesaSuffering bikaraBikaraImperfections / impurity Indicating: Understanding this overall body to get devoid of intelligence/wisdom, I remember the son of wind God, Lord Hanuman; Grant me power, intelligence and information and take away my bodily sufferings and psychological imperfections.

भावार्थ – आप सारी विद्याओं से सम्पन्न, गुणवान् और अत्यन्त चतुर हैं। आप भगवान् श्री राम का कार्य (संसार के कल्याण का कार्य) पूर्ण करनेके लिये तत्पर (उत्सुक) रहते हैं।

व्याख्या – श्री शंकर जी के साक्षी होने का तात्पर्य यह है कि भगवान श्री सदाशिव की प्रेरणा से ही श्री तुलसीदास जी ने श्री हनुमान चालीसा की रचना की। अतः इसे भगवान शंकर का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त है। इसलिये यह श्री हनुमान जी की सिद्ध स्तुति है।

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